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छोटानागपुर के टाना भगत

विजय पाणि पाण्डेय

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :128
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 16321
आईएसबीएन :9789354911071

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झारखंड के जंगलों में बहुत-सी आदिवासी जनजातियाँ निवास करती हैं। उन्हीं में से एक हैं – छोटानागपुर के टाना भगत। इन लोगों ने घने जंगलों में  सुविधाओं के अभाव के बीच मांस-भक्षण, शराब-सेवन और जीव-हत्या जैसे कृत्यों के त्याग किया और भगत पंथ के नियम एवं अनुष्ठानों को अपने व्यावहारिक जीवन में स्थापित किया। राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में टाना भगत अपनी बरसों पुरानी परंपरा, अहिंसा के पथ पर चले और अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष में महात्मा गांधी के सच्चे सहयोगी बने। प्रस्तुत पुस्तक में टाना भगतों की एक पंथ के रूप में उत्पत्ति से लेकर उनकी सामाजिक संरचना, जीवन-यात्रा के संस्कार, आर्थिक संरचना, महात्मा गांधी के साथ उनकी राजनीतिक चेतना, धार्मिक संरचना और उनके लोकगीत आदि के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध है।

अनुक्रम

परिचय

टाना भगत पंथ की उत्पत्ति और संस्थापक

सामाजिक संरचना

जीवन-यात्रा-संस्कार

आर्थिक संरचना

महात्मा गांधी और टाना भगत की राजनीतिक चेतना

धार्मिक संरचना (संगठन)

टाना भगतों के लोकगीत

निष्कर्ष

संदर्भ-सूची

जीवन-वृत्त

स्वतंत्रता सेनानियों की सूची

प्रथम पृष्ठ

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